Written by Writer Vishal Rana and Edited by Editor Mrinali Jadhav
शनिवार का दिन सुबह 8 बज रहे हैं खिड़की से धूप अंदर आ रही है चिड़ियों के चहचहाने की आवाज़ आ रही है , किचन से कूकर की सीटी की आवाज़ आती है ….
रिक्की (21 साल) सुबह सो कर उठता है, उसके साथ उसकी बहन विधी (13 साल) सो रही है ,
रिक्की उठ गया है , विधी अभी भी सो रही है।
रिक्की, विधी के बाल खींचता है : उठ जा स्कूल नहीं जाना क्या?
विधी चिल्लाती है: सोने दो,
रिक्की इस बार गाल खींचता है: उठ जा सब उठ गये है।
विधी फिर चिल्लाती है: मम्मी देख लो, भाई सोने नहीं दे रहा है।
मम्मी किचन से आवाज लगाती है: रिक्की सोने दो उसे तुम रेडी हो जाओ तुम्हें कालेज जाना है , लेट हो रहा है और विधू ( लाड़ में) का स्कूल 10 बजे से है।
रिक्की फिर से बाल खींचता है: सोती रह कुम्भकरन की बहन।
विधी हंस देती है : ख़ुद को कुम्भकरन कह रहा है?
रिक्की: तू मेरी बहन है ही नहीं तू तो अडाप्टेड है।
विधी: तू नहाने जा।
कह के फिर सो जाती है 9 बज रहे हैं, रिक्की कालेज के लिए निकल रहा है , तभी विधी भी उठ कर आ जाती है दरवाज़े पर
रिक्की: बाय मम्मा , बाय विधू।
विधी: बाय कुम्भकरन (हंसने लगती है)
रिक्की चला जाता है ….
Scene 2…. Evening
रिक्की कालेज से लौट कर सो रहा है फोन रिंग करता है, रिक्की उठा कर देखता है अनन्या (रिक्की की गर्लफ्रेंड) का फोन।
रिक्की: हैलो?
अनन्या: हाय, क्या कर रहे हो?
रिक्की: सो रहा था।
अनन्या: कालेज गये थे?
रिक्की: हां, तुम क्यूं नहीं आईं थीं ?
अनन्या: पेट दर्द हो रहा था, और पूरी बाडी टूट रही थी, लेटी रही पूरा दिन।
रिक्की: पीरियड्स?
अनन्या: हमममममम ।
कुछ देर दोनों चुप रहते हैं।
रिक्की: कोई ना सही हो जाएगा।
अनन्या: कहना आसान है, तुम्हें हो तो पता चले (खीझ कर)
रिक्की: पैड्स हैं या दे जाएं आ कर।
अनन्या: रहने दो मैं ले आई थी।
रिक्की: ओके।
अनन्या: ठीक है , तुम सो जाओ , कुम्भकरन।
फोन कट जाता है…..
Scene 3… Next day
रविवार सुबह के 7.30 बजे हैं मम्मी उठ कर अपने कमरे से बाहर आती हैं,,,
विधी जैसे जग ही रही हो तुरंत उठ कर मम्मी के पास जाती है ….
मम्मी: गुड़ मार्निंग विधू , आज इतनी जल्दी क्यों उठ गई?
विधी मम्मी से लिपट जाती है।
मम्मी: क्या हुआ बच्चा ?
विधी: रुआंसी हो कर मम्मी कै कान में कुछ बताती है मम्मी के चेहरे के भाव बदल जाते हैं फिर थोड़ा मुस्कुराई ( साहस देने वाली मुस्कान ) पास में सोफे पर बैठ जाती हैं विधी को गोदी में बिठा लेती है मेरी विधू बड़ी हो गई है (लाड़ करते हुए)
विधी: मम्मा ये सबके साथ होता है क्या ? जब बड़े हो जाते हैं?
मम्मी: और क्या मम्मा को भी होता है?
विधी: लैकिन मम्मा पेट में दर्द भी होता है।
मम्मी: हां, बेटा आप टेंशन मत लो सही हो जाएगा , वो पेट में ना कचरा जम हो जाता है वही निकलता है ,,,,
आप बर्गर पिज्जा खाती हो ना , वही तो इकट्ठा हो जाता है मम्मा कहती है कि मत खाया करो।
विधी: बहुत मासूमियत से ;; ओके मम्मा अब नहीं खाऊंगी लेकिन मैं इंजेक्शन नहीं लगवाऊ़गी , पिछली बार पेट दर्द हुआ था तो आपने इंजेक्शन लगवा दिया था।
मम्मी: हंस कर;; ओके नहीं लगवाएंगे , जाओ नहा लो आप।
विधी नहा कर फिर से वहीं सोफे पर उल्टा लेट जाती है।
करीब 9 बज रहे हैं रिक्की उठता है तो विधी बेड पर नहीं मिलती है, बाहर जाता है तो देखता है विधी सोफे पर लेटी हुई मम्मी के फोन में कार्टून देख रही है।
रिक्की : आज ये इतनी जल्दी कैसे उठ गई , विधी के बाल छूता है इसने इतनी सुबह कैसे नहा लिया?
विधी: मम्मा इससे कह दो मुझ से दूर रहे।
मम्मी: उसका पेट दर्द कर रहा है , उसे तंग ना करो।
रिक्की आश्चर्य से: पेट दर्द कर रहा है तो नहाने की क्या जरूरत है दवा दीजिए इसै विधी के पास बैठ कर , उसकी पीठ सहलाते हुए: क्यूं विधू दवा ली तुने ?
विधी ना में सिर हिलाती है।
रिक्की: मम्मा इसे दवा क्यूं नहीं दी ?
मम्मी: वो दवा नहीं खाएगी।
रिक्की: क्यूं नहीं खाएगी, क्यूं विधू दवा क्यूं नहीं ली तुमने?
मम्मी: नहीं बेटा , दवा नहीं देनी है, it’s girls thing। रिक्की , तुम जाओ फ्रेस हो जाओ मैं नाश्ता लगाती हूं।
रिक्की समझ जाता है कि विधी को पीरियड्स हुए हैं। रिक्की नाश्ता कर के आता है बाहर जाता है और एक पैकेट में कुछ लाता है , विधी कमरे में बेड पर एक पैर दीवार पर टांग कर एक पैर बेड पर रख कर लेटी हुई है फोन में कुछ देख रही है ,
रिक्की विधी के पास बैठ जाता है,,,
रिक्की: विधू !
विधी: क्या है?
रिक्की: इधर देख मैं कुछ लाता हूं।
विधी: चाकलेट लाये हो ?
रिक्की: हां, लाया हूं ,…
रिक्की जेब से चाकलेट निकाल कर देता है , विधी देखती है एक काग़ज़ के लिफ़ाफे में कुछ लिपटा हुआ है।
विधी: इसमें क्या है?
रिक्की: तेरे लिए ही है। और खोल देता है , उसमें सैनेट्री पैड हैंविधी को पता नहीं है, सैनेट्री पैड क्या होता है , वो पूछती हैविधी: ये क्या हैं ?
रिक्की: आज तुम्हें पीरियड्स हुए हैं ना ?विधी सकते में आ जाती है, बिल्कुल चुप , उसकी चाकलेट थोडी हाथ में थोड़ी मुंह में, विधी के लिए मानो सब कुछ रुक सा गया हो ….
“क्योंकि हमारी सोसायटी में पीरियड्स जैसी बातें अक्सर छुपाई जाती हैं और घर में मर्दों के सामने इनकी बातें तक नहीं होती हैं,”
विधी कुछ देर चुप रह कर धीरे से हां में सिर हिलाती हैरिक्की: ये सैनेट्री पैड हैं पीरियड्स में यूज़ करने के लिएविधी साहस करके नजरें मिलाती है और पूछती है
विधी: इसको कैसे यूज़ करते हैं? , और इसे यूज़ करने से क्या होता है ?
रिक्की; इसको यूज़ करने से तुम्हारे कपड़ों पर ब्लड के दाग़ नहीं लगेंगे , और कोई भी इंफेक्शन नहीं होगा हंस के कहता है
“ये तुम्हें बीमारी और इंसान की सोच दोनों से बचाएगा”
विधी: मतलब ?
रीक्की: कुछ नहीं, रुको तुम्हें यूज़ करना बताता हूं।
रिक्की विधी की एक गुड़िया लाता है और एक बैंडेज लाता है।
रिक्की: देख, ( गुड़िया को दिखाते हुए) ये तुम हो।
विधी थोड़ी कन्फ्यूज सी : ठीक है।
रिक्की गुड़िया की अंडरवियर उतार देता है और फिर बैंडेज के दोनों साइड का काग़ज़ निकाल देता है और विधी की तरफ देखता है ,
(प्रश्न वाचक नज़रों के साथ) विधी गौर से देख रही है, रिक्की के देखने पर थम्स अप कर देती है फिर रिक्की दिखाता है , बैंडेज का स्टिकी साईड अंडरवियर के अंदर साइड चिपका देता है , और अंडरवियर ऊपर कर देता है (वापस पहना देता है)रिक्की: समझ आया ?
विधी: हां में सिर हिलाती है। रिक्की एक पैड लेकर विधी की तरफ बढाता है , और बाथरूम की तरफ इशारा करता है ।विधी बाथरूम चली जाती है, विधी पैड निकालती है अपनी पैंटी उतारती है और पैड का काग़ज़ रिमूव करती है और स्टिकी साईड पैंटी में चिपका देती है, और पैंटी पहन लेती है ।
थोड़ा रुक कर बाथरूम का दरवाजा खोलती है, ठिठक कर बाहर आती है रिक्की को देख कर मुस्कुरा देती है और रिक्की भी मुस्करा देता है ।रिक्की विधी को कम्फर्ट दिलाने के लिए कमरे से बाहर निकलने लगता है तो देखता है , मम्मी दरवाज़े के पास खड़ी हैं और सब देख रही थी।
मम्मी रीक्की को देख कर मुस्कुरा देती हैं और थोड़ी भावुक हो जाती हैं , रिक्की मुस्करा कर आगे बढ़ जाता है ….. मम्मी अंदर जाता है तो विधी एक पैड उठा कर मम्मी को दिखाती है, देखिए भाई लाया है , और मुस्करा देती हैमम्मी विधी को गले लगा लेती हैं ।
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One response to “My sister’s first period. ”
Heartouching🖤
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