Written by Writer Vishal Singh and Edited by Editor Mrinali Jadhav
बर्लिन की चमकदार चौड़ी गलियां सब तरफ गोरी चमड़ी के लोग बहुत ज्यादा शोर शराबा भी नहीं , ऊंची-ऊंची इमारतें रंग बिरंगे बड़े आलीशान बंगले ।
जसी को इसी बात का आश्चर्य हो रहा था कि इतने बड़े बंगलों में रहने वाला कोई नहीं है किसी में दो जन रहते हैं तो किसी में सिर्फ बूढ़ी औरत साथ में एक नौकर , हमारे पंजाब में तो तीन कमरे के छोटे से घर में भी तीन परिवार रह लेते हैं ऊपर से फूफी भी आ जाती है लेकिन यहां लोग कैसे रहते हैं अकेले रात में डर नहीं जाते हैं?
जसी एक होटल में होता है जो छल्ले की तरह गोल है और अंतरिक्ष में है धरती से कई मील ऊपर ,वैसा ही जैसा उसने एक एनिमेशन वीडियो में देखा था , होटल में वही गोरी चमड़ी वाले लोग दूध की तरह गोरी और सुडौल शरीर वाली औरतें भीनी और मदहोश कर देने वाली महक वाली इत्र से महकती लड़कियां।
जसी ख़ुद को एक कमरे में पाता है । होटल का कमरा जहां दरवाज़े दीवारें सभी कांच की हैं , कमरे के बाहर बेतहाशा खूबसूरत नज़ारा है नीले आसमान के बीच में कुछ दूधिया पानी सा बहता हुआ जसी मानो जन्नत में हो ।
जसी के साथ कमरे में एक लड़की है । बला की खूबसूरत चमकीली आंखें सुर्ख गुलाबी होंठ उभरा सीना गुदगुदा,दूधिया बदन पर हल्के लाल रंग के छोटे-छोटे कपड़े , दोनों एक दूसरे को देखते हैं और देखते ही देखते दोनों क़रीब आ जाते हैं, लड़की जसी के कान में आ कर कहती है –
लड़की: may I owe you for a night.
जसी: sure babes !
जसी लड़की की गर्दन के पीछे से हाथ लेकर जाता है और उसके बालों को पकड़ कर गर्दन पीछे की तरफ खींच कर उसके गालों को चूमता है । फिर होंठ और फिर सारा बदन धीरे-धीरे दोनों के कपड़े बदन से जुदा हो जाते हैं जसी उसकी छाती पर हाथ फेरता है लड़की के पूरे शरीर में झनझनाहट हो जाती है।
वो कस के जसी से लिपट जाती है।ये सब पूरी रात चलता रहता है मदहोशी में लड़की ने जसी की गर्दन पर अपने दांत गडा दिए पूरा गोल निशान बन गया तो जसी उसके होंठ पर काट लेता है मदहोशी में, जिस से खून रिस आता है।
अभी दोनों साथ में ही लेटे थे कि किचन से बर्तन धुलने की खट-खट सुनाई देती है बापू आवाज़ लगा रहे हैं – जसी जसी!
जसी आंख खोलता है तो सामने बापू आवाज़ दे रहे हैं उठ जा , जसी देखता है लड़की भी साथ में नहीं है वो होटल, वो लोग , बर्लिन की गलियां सब लापता वो तो छत पर लेटा है अपनी चारपाई पर।
वो उठने की कोशिश करता है तो उठने में कमज़ोरी लगती है एक दर्द सा उठता है उसका हाथ झटक से गर्दन पर जाता है लेकिन वहां कोई निशान नहीं था ,पैंट के नीचे कुछ गीला सा महसूस हुआ जसी के पूरी बदन में सरसराहट फैल गई , जैसे कोई बिजली सी दौड़ गई हो, उसने ऐसा कुछ महसूस किया जो पहले कभी ना हुआ हो।
एक अजीब सी कमज़ोरी, अजब दर्द और अलग सी बेचैनी पैंट के नीचे गीला सा अहसास और पैंट के ऊपर एक गोल सा भूरे रंग का धब्बा था ।।
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